Friday, March 29, 2024
HomeF.I.R सम्बंधितNCR क्या होता है, पुलिस द्वारा कब NCR दर्ज किया जाता है?

NCR क्या होता है, पुलिस द्वारा कब NCR दर्ज किया जाता है?

भारतीय कानून में अपराधों को उनके प्रकृति के आधार पर निम्न भागों में विभाजित किया गया है। वह अपराध जो काफी संगीन हो उसे संज्ञेय अपराध तथा जो मामूली अपराध होता है उसे असंज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाता है।

  1. संज्ञेय अपराध (Cognizable offence)
  2. असंज्ञेय अपराध (Non Cognizable offence)

FIR कब दर्ज की जाती है

जब किसी अपराध से सम्बंधित की जानकारी थाने में दी जाती है तो उस सूचना के आधार पर यदि मामला ज्यादा गंभीर (जैसे- किसी को हथियार से मारना, हत्या, आदि) होता है तो FIR दर्ज की जाती है और उसकी एक कॉपी शिकायतकर्ता को निःशुल्क दिया जाता है। FIR दर्ज हो जाने के बाद पुलिस उस घटना की जाँच प्रारम्भ कर उसकी रिपोर्ट सम्बंधित न्यायालय में पेश करती है।

NCR कब दर्ज की जाती है

जब पीड़ित द्वारा किसी घटना की जानकारी पुलिस स्टेशन में दी जाती है तो यदि मामला असंज्ञेय किस्म का हो अर्थात मामूली अपराध हो तो उसमें FIR दर्ज नहीं कि जाति है बल्कि NCR (Non cognizable report) दर्ज की जाती है और उसका कॉपी शिकायतकर्त्ता को दे दी जाती है।

पुलिस द्वारा घटना की सूचना के आधार पर एनसीआर दर्ज करने के बाद, पुलिस मामले की खोज बीन में लग जाती है। जाँच और ख़ोजबीन के आधार पर पुलिस उस घटना से समबन्धित रिपोर्ट बनाती है और इस रिपोर्ट को न्यायालय में पेश करती है।

यदि जाँच के दौरान चोरी या खोई हुई संपत्ति की रिकवरी हो जाती है, तो ऐसे में पुलिस उस संपत्ति को कानूनी औपचारिकताएं पूरी हो जाने के बाद शिकायतकर्त्ता को दे देती है और यदि चोरी या खोई हुई संपत्ति खोजबीन के दौरान रिकवरी नहीं हो पाती तो ऐसे में पुलिस अपनी रिपोर्ट में संपत्ति की रिकवरी न हो पाने का रिपोर्ट न्यायलय के समक्ष दाखिल कर देती है।

NCR दर्ज कराना क्यों जरूरी है

यदि किसी व्यक्ति का मोबाइल चोरी हो गया हो तो उसका सूचना पुलिस को देना अति आवश्यक होता है क्योंकि सूचना देने पर पुलिस NCR दर्ज करती है जिसमें घटना के बारे में लिखा होता है। यदि बाद में उस मोबाइल से किसी प्रकार का गलत उपयोग किया जाता है तो पीड़ित NCR से अपना बचाव कर सकता है। यह भी जानें: 

Law Article
Law Article
इस वेबसाइट का मुख्य उद्देश्य लोगों को कानून के बारे जानकारी देना, जागरूक करना तथा कानूनी न्याय दिलाने में मदद करने हेतु बनाया गया है। इस वेबसाइट पर भारतीय कानून, न्याय प्रणाली, शिक्षा से संबंधित सभी जानकारीयाँ प्रकाशित कि जाती है।
RELATED ARTICLES

5 COMMENTS

  1. FIR karne ke wad case caort me chala jaata hai apradhi ko bail bhi mila jaati hai ab kaise pata kare ki case ka kya hua kya case khatam kar diya jaata hai bina sikayat karta ko malum chale

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular